रावलपिंडी: बांग्लादेश ने रावलपिंडी में खेले गए पहले टेस्ट मैच में पाकिस्तान को 10 विकेट से हराते हुए ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. बांग्लादेश ने टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली बार पाकिस्तान को हराया है. साथ ही यह उसकी पहली बार किसी भी टीम के खिलाफ 10 विकेट से जीत हासिल की है. इस मैच में पाकिस्तान को एक गलती भारी पड़ी और उसने बांग्लादेश की जीत की नींव रख दी.
चौथे दिन का खेल शुरू होने तक ऐसा लग रहा था कि मैच ड्रॉ की ओर बढ़ रहा है, लेकिन बांग्लादेश ने 117 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल कर खेल को रोमांचक मोड़ पर ला दिया. पाकिस्तान ने पांचवें दिन 23 रन पर एक विकेट से आगे खेलना शुरू किया. पिच ने चौथे दिन तक अच्छा साथ दिया, लेकिन पिच में कुछ दरारे थी, जिसका आखिरी दिन बांग्लादेश के गेंदबाजों ने भरपूर फायदा उठाया. उनके गेंदबाजों ने सही लाइन और लेंथ में गेंदबाजी की, जिसके आगे पाकिस्तानी बल्लेबाज ढेर हो गए. पाकिस्तान का क्वालिटी स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ संघर्ष एक बार फिर से सामने आया.
मेहदी हसन मिराज (4-21), शाकिब अल हसन (3-44) ने मिलकर सात विकेट चटकाते हुए पाकिस्तानी पारी को 147 रनों पर समेट लिया. इसके बाद जाकिर हसन (15) और शादमान इस्लाम (9) ने सात ओवरों में 30 रनों का लक्ष्य हासिल कर लिया और बांग्लादेश को जीत दिला दी.
पाकिस्तान को एक गलती पड़ी भारी
पीछे मुड़कर देखें तो पाकिस्तान का जल्द पारी घोषित करने का फैसला उन्हें महंगा पड़ा. उनके पास बांग्लादेश को खेल से बाहर करने का मौका था, लेकिन उन्होंने चूक कर दी. इस स्तर पर गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती. बांग्लादेश ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया और मेजबानों के लिए जीत के दरवाजे बंद कर दिए.
दरअसल, पाकिस्तान ने अपनी पहली पारी छह विकेट पर 448 रनों पर घोषित कर दी थी. उस वक्त मोहम्मद रिजवान 171 रन बनाकर क्रीज पर डटे हुए थे, जबकि शाहीन अफरीदी 29 रन बनाकर उनका साथ दे रहे थे. पाकिस्तान के पास बड़ा स्कोर खड़ा कर बांग्लादेश को मैच से बाहर करने का मौका था, लेकिन उसने मेहमान टीम की बल्लेबाजी को हल्के में आंका, जिसके चलते उसे मैच गंवाना पड़ा.
… तो कहानी कुछ और होती
पाकिस्तान की टीम यदि पहली पारी घोषित करने में जल्दबाजी नहीं करती तो उसके पास बांग्लादेश को बैकफुट पर धकेलने का पूरा मौका था. यदि पाकिस्तान पहली पारी में बढ़त हासिल करता तो आखिरी दिन खराब होते गए विकेट पर बांग्लादेश को एक बड़ा टारगेट हासिल करने का लक्ष्य होता. ऐसे में मैच का नतीजा पाकिस्तान के पक्ष में जा सकता था. अब क्रिकेट के नामी एक्सपर्ट भी कह रहे हैं कि पाकिस्तान को जल्दी पारी घोषित करने का खामियाजा भुगतना पड़ा.